Beti Bachao Beti Padhao Essay Hindi.
जिस को आप अपने निबंध लिखने की तयारी के लिए भी पढ़ सकते है. तो फिर चलिये शरु करते है और लिखते है Beti Bachao Beti Padhao Essay Hindi.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक सरकारी योजना है. जिस को बेटियों की निरंतर हो रही कमी को रोकने के लिए ये योजना प्रधान मंत्री जी के द्वारा चलाई गई थी.
आज के इस लेख में हम आपके लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध इन हिंदी लेकर आये है. जहाँ पर हम आपके लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 200 शब्दों में और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 200, 250 शब्दों में
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beti bachao beti padhao Essay |
भारत देश में महिला को देवी समझा जाता है. लेकिन बढती तकनिकी के इस युग में महिलाओ को कम समझा जा रहा है. पुरष प्रधान के चलते भी महिलाओ को कम आका जा रहा है.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना शरु की गई. जिस का मकसद लड़की शिशु को बचाना और लडकियो को पढाना है.
किसी भी देश की प्रगति में महिला और परुष दोनों की सामना भागेदारी होती है. महिला के बिना मानव जीवन की कलपना भी नहीं की जा सकती है.
क्योकि वो महिला ही है जोकि एक माँ, एक बहन, एक पत्नी आदि होती है. महिला ही मानव को जन्म देती है. लगातार महिलाओ की कमी बहुत डराने वाली है.
बेटियों की कम जनसंख्या के मुख्य कारण
भ्रूण हत्या – जी हाँ आज कल लोग अल्ट्रासाउंड की मदद से पेट में ही पता लगा लेते है की लड़का है या फिर लड़की है अगर लड़की होती है तो उसे पेट में ही मार दिया जाता है.
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हाला की अब सरकार द्वारा इस पर रोक लगा दी गई है. अगर कोई डॉक्टर एसा करता मिले तो उस का लाइसेंस आदि भी रद किया जा सकता है.
दहेज प्रथा – ये भी एक एसी प्रथा है जिस में लड़की की शादी में लड़की के घर वालो को लड़के वालों को उनकी मनचाही वस्तु दहेज में देना पड़ता है. ये भी बहुत बड़ा करण है बेटियों की बडती कमी के पीछे.
जब लड़की के घर वालो को शादी में अपनी हेसियत से ज्यादा महंगी वस्तु देनी पड़ती है तो एसे में घर वाले लड़की को एक बोज की तरह देखते है.
और भ्रूण हत्या का मुख्य कारण दहेज़ प्रथा भी है इसी लिए जितना हो सके उतना जल्दी ये प्रथा रोकनी होगी.
लडकियों के लिए भारत सरकार द्वारा बहुत सी स्कीम भी चलाई गई है जिस से लडकियों को काफी मदद मिलती है.
जैसे की सुकन्या समृद्धि योजना, लाडली योजना आदि. जिस से लडकियों को भरपूर लाभ मिलता है.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध इन हिंदी
लगातार लडकियों की कमी हो रही है. इसी को देखते हुवे प्रधान मंत्री श्री मोदी जी ने 22 जनवरी 2015 को हरयाणा (पानीपत) में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को शरु किया.
जिस का उदेश्य बेटियों की निरंतर कमी को रोकना था.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का रेडियो, टीवी, paper, liveliness द्वारा प्रचार भी किया गया. ताकि लोगो को जागरूक किया जा सके.
अगर बेटी नहीं होगी तो बहूँ कहाँ से लाव गें.
बेटे भागो से होते है,
बेटी सोभाग्य से होती है.
वेसे तो हमारा देश बहुत तरकी कर रहा है लेकिन इस innovation की दुनियाँ में लडकियों को कम आका जाता है.
बल्कि एक शोध से पता चला है की लडकियाँ लडको की अपेक्षा ज्यादा बुद्धिमान, ज्यादा धैर्यवान, ज्यादा दयावान होती है. लडकियाँ कही भी लडको से कम नहीं है.
अब हमे अपनी सोच को बदलना होगा. लड़कियों को हीन भावना से देखना बंद करना होगा.
लड़कियों की बढती कमी के पीछे पढ़ाई भी है. क्योकि लड़कियों को पढाया नहीं जाता है जिसके चलते उन्हें अपने अधिकारों का सही ज्ञान नहीं है और जिसके चलते उन पर अत्याचार होता है.
अगर लड़कियां पढ़ी लिखी होंगी तो उन्हें अपने अधिकारों का ज्ञान होगा और वो अपनी रक्षा करने में भी सक्षम होंगी.
इसलिए सरकार को लड़कियों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देना चाहिये.
भारत देश में महिला को माँ यानि देवी का दर्जा दिया गया है लकिन आज लोगो के लालच और खोखले पन के कारण महिला जाती की ये दुर्दशा हो गई है.
की उसे जन्म से पहले ही गर्भ में ही मार दिया जाता है. हमारी सरकार द्वारा कोशिश जारी है.
और सरकार ने डॉक्टर्स को ये भी सन्देश दिया है की आप जान बचाने के लिए जाने जाते हो न की जान लेने की लिए.
आखिर हमें "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" के इस अभियान की जरूरत क्यों पड़ी जाहिर है इसके पीछे कन्या भ्रूण हत्या के कारण देश में तेजी से घटता लिंगानुपात है जिसके कारण अनेक सामाजिक समस्याएं समाज में उत्पन्न हो रही हैं।
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