Andhvishwas Essay In Hindi | अंधविश्वास पर निबंध


अंधविश्वास पर निबंध | Hindi Andhvishwas Essay अंधविश्वास कैसे फैलता है Superstitions Nibandh in Hindi for children and students of class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12.


अंधविश्वास कैसे फैलता है | How Superstitions Spread?

अंधविश्वास कैसे फैलता है | How Superstitions Spread?


“धार्मिक अन्धविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आज़ाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती, उसे समाप्त हो जाना चाहिए। इसी प्रकार की और भी बहुत सी कमज़ोरियाँ हैं, जिन पर हमें विजय पानी है।  इस काम के लिए सभी समुदायों के क्रान्तिकारी उत्साह वाले नौजवानों की आवश्यकता है। ‘यह बात शहीद भगतसिंह के संगठन नौजवान भारत सभा’ के लाहौर से प्रकाशित घोषणापत्र में कही गई थी।


अंधविश्वास संसारभर में पाया जाता है कहीं ज्यादा तो कहीं कम। इसको को मानने वाले ज्यादातर अनपढ़ और गरीब तबके के लोग ही होते हैं इसीलिए इनकी सोच में बदलाव लाने के लिए शिक्षा का प्रसार बेहद जरूरी है। इसके इलावा अपने कर्मों पर विशवास रखना कड़ी मेहनत का रास्ता अपनाना क्योंकि कड़ी मेहनत ही वो टोटका है जो आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाता है। 


डर जिसकी वजय से अंधविश्वास (Andhvishwas) का जन्म होता है डर उस वक्त ही हमारे मन में पनपता है जब हमें किसी बात को लेकर अपने अंदर कमी महसूस होने लगे इसीलिए यदि इंसान अपने अंदर की कमियों को दूर करे तो अवश्य ही डर भी खत्म हो जाएगा जिस कारण अंधविश्वास भी नहीं जन्म लेगा।


Andhvishwas Essay in Hindi | अंधविश्वास पर निबंध


अंधविश्वास किसी विशेष समाज या देश से नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वालों में अधिकतर गरीब, अनपढ़ व निचले तबके के लोग हैं। हम वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार करके अंधविश्वासों में कमी ला सकते हैं। कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे रहस्यों को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है।

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इस प्रकार की टिप्पणी हमोर लिए बहुत ही चोट पहुँचानेवाली और झकझोरकर जगा देनेवाली है; परंतु इस प्रकार के कतिपय अंधविश्वासों का भी अपना सामाजिक महत्त्व है । इन अंधविश्वासों से लाभ और हानि दोनों हैं । एकादशी के उपवास का महत्त्व धार्मिक दृष्टि से कुछ भी हो, स्वास्थ्य की दृष्टि से तो इस लाभ में किसी के दो मत नहीं हो सकते ।


निष्कर्ष: Conclusion

आवश्यकता इस बात की है कि जो भी मान्यताएँ और विश्वास आज विज्ञान-समर्थित प्रतीत नहीं होते, उनके मूल स्रोत का पता लगाया जाए और उनके ऊपर से अंधविश्वास का आवरण हटाया जाए ।


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