बसंत ऋतू हिंदी निबंध | basant rutu par hindi nibandh
प्राकृतिक सौंदर्य – बसन्त की प्रत्येक वस्तु पर अमिट छाप दिखाई देती है। वृक्षों पर पीले पत्तों के स्थान पर नवीन पत्ते निकलते हैं। लहराते खेतों में खिले सरसों के फूल अत्यंत सुहावने प्रतीत होते हैं। जिस प्रकार वर्षा ऋतु में सब कुछ हरा-भरा दिखाई देता है,
बसंत ऋतु पर निबंध |
उसी तरह बसंत में बसंती रंग अपना प्रभुत्व जमा लेता है। बसंत ऋतु न केवल समूची धरती को अपने रंग में रंग लेती है, बल्की मनुष्य भी इससे वंचित नहीं रहते हैं। वे भी इन दिनों पीले वस्त्र पहनने में आनंद मानते हैं।
बसन्त उत्सव – बसन्त ऋतु के आगमन पर मानो उसका स्वागत करने के लिए लोग उत्सव मनाते हैं। इस का नाम ही बसन्त पंचमी है। यह उत्सव जहांबसन्त ऋतु के आगमन पर उसका स्वागत करता है, वहां यह देश-रक्षा और धर्म-रक्षा की प्रेरणा भी देता है।
चमकौर साहब के युद्ध में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के बच्चों की शहीदी, हकीकत राय की धर्म के खातिर बलिदान की स्मृति दिला कर यह उत्सव सभी के अंदर देश और धर्म के खातिर मर मिटने के लिए जोश उत्पन्न करता है।
उल्लास उत्पादक – बसन्त के आने से प्रकृती के साथ-साथ, मनुष्य के जीवन में भी उल्लास भर जाता है। मंद-मंद पवन के मस्त झोंके जब जब अठखेलियां करते हैं, तो नई उमंगों का संचार होने लगता है। इस सुहावने समय में पग-पग पर मन को लुभाने वाली सामग्री विद्यमान हो जाती है।
प्रकृति की गोद में खेलने की प्रबल इच्छा सभी के ह्रदय में जाग उठती है। प्राय: इन दिनों लोग खुले मैदानों में निकल जाते हैं और अपने इष्ट-मित्रों के साथ प्राकृति की शोभा से आनंदित होते हैं। यही इस ऋतु की सबसे बड़ी विशेषता है।
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