जन्माष्टमी पर निबंध – Essay On Janmashtami In Hindi
जन्माष्टमी पर निबंध – Read nibandh on Janmashtami essay and other short paragraph writing on Janmashtami. Essay writing in Hindi is very popular these days in schools and colleges. जन्माष्टमी (Janmashtami) भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर निबंध in 200 and 500 words.
Janmashtami Essay in hindi |
पर्व का प्रयोजन – भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिन जन्माष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमी – त्रेता युग में मथुरा का राजा कंस बहुत ही अत्याचारी और दुराचारी था। जब वह अपनी बहन देवकी को उसके विवाह के बाद विदा करने जा रहा था, तभी आकाशवाणी हुई कि जिस बहन को तू आज विदा कर रहा है, इसकी आठवीं संतान तुझे मारेगी। कंस ने रथ को रोक दिया और बहन को तलवार के घाट उतारने के लिए तैयार हो गया।
लोगों ने समझाया कि बहन की हत्या का पाप भयंकर होता है। तब कंस ने बहन देवकी और बेहनोई वासु देव को कारागार में बंद कर दिया और उनकी सब संतानों को जन्म लेते ही मार डालने का निश्चय किया। यह क्रम चलता रहा। कंस ने एक-एक करके अपनी बहन की सातों संतानों को मार डाला।
अंत में भाद्रपद मास की कृष्ण-अष्टमी को आठवें बालक का जन्म हुआ। ये भगवान श्री कृष्ण थे। दैवी शक्ति के फलस्वरूप कृष्ण जन्म के समय जेल के पहरेदार सो गए और स्वयं ही द्वार-खुल गए। आकाशवाणी सुनकर वासुदेव बालक कृष्ण को गोकुल में नंद-यशोदा के पास छोड़ आए। बड़े होकर श्री कृष्ण ने कंस का वध किया।
जन्माष्टमी पर हिंदी निबंध – Janmashtami Hindi nibandh
जन्माष्टमी पर निबंध – Essay On Janmashtami In Hindi
जन जीवन में महत्ता – अत्याचारी कंस से प्रजा की रक्षा करने वाले श्री कृष्ण तपस्वी, मनस्वी, योगी, दार्शनिक, महाराजा, सेनापति और कूटनीतिज्ञ थे। आपने भारत धरा से पापियों का नाश करके धर्म की स्थापना की थी। इसी महापुरुष के जन्म दिन का गौरव जन्माष्टमी को प्राप्त है। अतः भारतीय जन-जीवन में इस महान पर्व का बहुत ही महत्तव है।
झांकियों का प्रदर्शन – ग्रामों एवं नगरों में अनेक स्थानों पर झूले और झांकियों का प्रदर्शन किया जाता है जिन्हें देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग उमड़ पड़ते हैं। कई स्थानों पर बाज़ारों में झांकियां भी निकाली जाती है। कितने ही मंदिरों एवं धार्मिक स्थानों पर गीता का अखंड पाठ चलता है। धार्मिक संस्थाओं द्वारा कई स्थानों पर गीता जयंती मनाई जाती है। देवालयों की शोभा विशेषकर मथुरा और वृन्दावन में देखने योग्य होती है। इस अवसर पर स्थान-स्थान पर कृष्णलीला का आयोजन किया जाता है।
होली पर निबंध
त्योहार मनाने की विधी – इस दिन सनातन धर्म को मनाने वाले लोग बड़े ही प्रेम और श्रद्धा से व्रत रखते हैं। सुबह से ही अपने घरों की सफाई कर सुगंधित धूप-दीप से सजाते हैं। ग्रामों में इस त्योहार के लिए कई दिन पूर्व से ही कई प्रकार के मिष्ठान्न आदि बनने आरंभ हो जाते हैं। नगरों में हलवाइयों की दुकानों की शोभा देखने योग्य होती है। मंदिर सजाये जाते हैं। अर्धरात्री पर चंद्रमा के दर्शन करके सनातनी लोग अपना व्रत समाप्त करते हैं। दूध, फलाहार अथवा मिष्ठान्न होते हैं।
भगवान कृष्ण का जीवन हिन्दुओं के लिए आदर्श जीवन है। वे सच्चे योगीराज और कर्मवीर थे उन्होने सदैव सत्पुरुषो का साथ दिया था। उनकी श्रीमद भगवद गीता अमर कृति है। जन्माष्टमी हमें आध्यात्मिक और लौकिक संदेश देती हुई प्रति वर्ष नई प्रेरणा, नया उत्साह और नए-नए संकल्पों के लिए मार्ग प्रदर्शित करती है। हमें इस नए पथ का अनुसरण करके इस त्योहार का सदैव सार्थक बनाना चाहिए।
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