प्रदूषण एक समस्या पर निबंध | Pradushan Essay In Hindi
प्रौद्योगिक उन्नति की आधुनिक दुनिया में, प्रदूषण एक गंभीर पर्यावरणीय मुद्दा बन गया है जो की पृथ्वी पर जवन को प्रभावित कर रहा है | प्रदूषण, भू प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण | सभी प्रकार के प्रदूषण निस्संदेह पूरे पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं अत: जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं | मनु के मूर्ख आदतों से पृथ्वी पर हमारी स्वाभाविक रूप से सुंदर वातारण दि-ब-दिन बिगड़ती जा रही है |
Essay on pollution |
वाहनो के बढ़ती संख्या की वजह से उत्पन्न हानिकारक और ज़हरीली गैसों का उतसर्जन, कारखाने और खुले में आग जलाना, वायु प्रदुषण के मुख्य कारण हैं | जीवन को बेहतर बनाने की भीड़ में, हर कोई अपने आसान दैनिक दिनचर्या के लिए अच्छी तरह से संसाधन चाहता है, लेकिन वे अपने प्रकृतिक परिवेश के बारे में जरा सा भी नहीं सोचते |
ज्यादातर वायु प्रदूषण रोजमर्रा की सार्वजनिक परिवहन के व्दारा होता है | कार्बन डइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड विषैली गैसें है जो की वायु को प्रदूषित करती है और वातारण में ऑकसीजन के स्तर को कम कर रहीं हैं |
उत्पादक कारखानें भी लोगों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, वायु प्रदूषण के लिए बड़ा योगदान कर रहीं है | निर्माण प्रकिया के दौरान कारखानों के व्दारा कुछ विषाक्त गैसें, गर्मी और ऊर्जा रिलीज होती है | कुछ अन्य आदतें जैसे की खुले स्थान पे घरेलु कचरे को जलाना आदि भी हवा की गुणवत्ता बिगाड़ रहीं हैं |
वायु प्रदूषण इंसान और जानवरों में फेफडों के कैंसर सहित अन्य सांस की बीमारियां उतन्न कर रहीं हैं |
Global warming पर निबंध
जल प्रदूषण भी एक बड़ा मुद्दा है जो सीधे समुद्री जीवन को प्रभावित करता है क्योंकि वे अपने उत्तरजिीविता के लिए केवल पानी में पाढ जाने वाले पोषक तत्वों पर निर्भर रहते हैं| धीरे-धीरे समुद्री जीवन का गायब होना वास्तव में मनुष्य और जानवरों की आजीविका पर असर डालेगा |
कारखानों, उद्योगो, सीवेज सिस्टम और खतों आदि कि हानिकारक कचरे का सीधे तौर पे नदियों, झीलों और महासागरों के पानी के मुख्य स्त्रोत में मिलाना ही जल का दूषित करने का कारण है | दूषित पानी पीना गंभीर स्वास्थ्य संबंधी विकार उत्पन्न करता है |
उर्वरक, कवकनाशी, शाकनाशी, कीटनाशकों और अन्य कार्बनिक यौगिकों के उपयोग के कारण मृदा प्रदूषण होता है | यह परोक्ष रूप से हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है क्योकि हम मिट्टी में उत्पादित खाद्य सामग्री खाते हैं | भारी मशीनरी, वाहन , रेडियो, टीवी, स्पीकर आदि व्दारा उत्पन्न ध्वनी, ध्वनी प्रदूषण के कारण है जो की सुनने की समस्याओ और कभी कभी बहरापन का करण बनती हैं |
हमें प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए अपने पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए | प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है जिससे की हम एक स्वस्थ्य और प्रदुषण मुक्त वातावरण पा सके
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