kalpana chawla essay in hindi - कल्पना चावला पर निबंध

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kalpana chawla essay in hindi -  कल्पना चावला पर निबंध

इस पोस्ट में हम आपको पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला पर हिंदी भाषा में निबंध (essay on kalpana chawla in hindi) और उनकी जीवनी उपलब्ध करवारहें हैतो चलिए शुरू करते है ! यदिइस वेबसाइट से संबधित आपका कोई भी सवाल या सुझाव है तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमें जरुर लिख भेजें हम जल्दी ही आपसे सम्पर्क करने का प्रयास करेंगे.

Who is kalpana chawla – कल्पना चावला कौन है

मैं किसी एक क्षेत्र या देश से बाधित नहीं हूँ ! में इन सबसे हटकर मानव जाती का गौरव बनाना चाहती हूँ ! यह कहना था पहली भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जो आज हमारे बीच नहीं है ! उनकी प्रतिभा, लगन और उनका समस्त विश्व को दिया योगदान सदा अविस्मरणीय रहेगा ! 

कल्पना को बचपन से ही पढने तथा हवाई करतब में काफी रूचि थी! उल्लेखनीय है की कल्पना के पास विमान एवंग्लाईडर के प्रमाणित उडान निदेशक का लाइसेंस था! कल्पना विभिन्न किसमे के विमानों की कमर्शियल पायलट थी.

Education of kalpana chawla – कल्पना चावला की शिक्षा

भारतीय मूल की पहली महिला अन्तरिक्ष यात्री होने का गौरव हासिल करने वाली कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल जिले में 8 जुलाई 1961 को एक व्यापारी परिवार में हुआ था ! कल्पना ने स्कूल शिक्षा करनाल के टैगोर स्कूल से प्राप्त की थी ! पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद कल्पना चावला ने 1984 में टेक्सास से इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की इसके बाद उन्होंने कोलोराड से पी.एच.डी की उपाधि प्राप्त की !

 में फ्यूड डायनामिक पर काम शुरू किया ! एम्स के सफलता पूर्वक काम करने के बाद कल्पना चावला ने 1993 में केलिफोर्निया की ओवरसेट मेथड्स इन कारपोरेशन में उपाध्यक्ष और रिसर्च वैज्ञानिक के रूप में काम शुरू किया ! यहाँ रहते हुए इन्होने भविष्य के अंतरिक्ष मिशन के लिए कई अनुसन्धान किये ! 

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1994 में नासा ने ने सुश्री कल्पना चावला का अंतरिक्ष यात्री के रूप में चयन किया! इस प्रकार कल्पना चावला मार्च 1995 में पंद्रहवें अंतरिक्ष समूह से जुड़ गयी ! एक वर्ष के प्रशिक्षण और मूल्यांकन के बाद शुश्री कल्पना को रोबोटिक्स अंतरिक्ष में विचरण से जुड़े तकीनीकी विषयों पर काम करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सोपिं गयी ! 

एक वर्ष के प्रशिक्षण के बाद कल्पना को एस्ट्रानॉट ऑफिस/रोबोटिक्स एवं कंप्यूटर ब्रांच के लिए तकीनीकी मुद्दों का दायित्व सोंपा गया! 1996 तक वे एस.ती.एस87 पर प्राइम रोबोटिक आर्म ऑपरेटर रही ! एस.टी.एस 87 अमेरिका की मिक्रोग्रेविटी पेलोड पाईलट थी! इसका उद्देश्य भारहीनता का अध्ययन करना था.

सुश्री कल्पना चावला के काम करने के तौर तरीकों व दिए गए कार्यों के परिणामों को देखकर उन्हें मिशन विशेषज्ञ का दायित्व सोपां गया! इसके अलावा उन्हें प्रमुख रोबोटिक्स आर्म ऑपरेटर भी बनाया गया.

पांच साल के अन्तराल के बाद कल्पना चावला दूसरी बार अंतरिक्ष मिशन पर गयी ! 16 जनवरी को अंतरिक्ष मिशन पर गए कोलंबिया यान ने अंतरिक्ष में80 शोध पुरे कर लिए थे ! उक्त शोध मानव अंगों, शरीर में कैंसरकोशिकाओं के विकास तथा गुरुत्वाकर्षण विहीन अवस्था में विभिन्न किट-कीटाणुओं की स्थिति के अध्ययन हेतु किये गए थे !

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सोलह दिनों की इस यात्रा मेंकोलंबिया यान हर90 मिनट के प्रमुह रिक हस्बैंड, पायलेट विली मैकुल, अभियान विशेषज्ञ डेव ब्राउन, एक अन्य महिला अंतरिक्ष यात्री लौरल क्लार्क, पेलोड कमांडर माइक एंडरसन और पेलोडविशेषज्ञ इलान प्रथ्वी से 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे इस यान की गति 17 हजार 500 मिल प्रति घंटा थी.

कल्पना चावला की मृत्यु का वो अंतिम क्षण?

सोलह दिन के अंतरिक्ष अभियान से लौट रहा अमेरिका यान कोलंबिया 2 फरवरी की शाम धरती से 63 किलोमीटर की ऊंचाई पर धमाके के साथ टूटकर बिखर गया ! यान में सवार सभी अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गयी ! उस समय यान की गति 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटा थी! यान का मलबा अमेरिका के टेक्सास शहर में गिरा.

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